मेघालय:- भारत विविधताओं में एकता वाला देश है| भारत में अनेक राज्य है उनमें से एक है “मेघालय”
मेघालय का अर्थ है -“बादलों का घर” यह संस्कृत के शब्द मेघा (बादल) + आलय (घर) से मिलकर बना है|
मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है, मेघालय का निर्माण असम राज्य के 2 जिलों यूनाइटेड खासी पहाड़ियाँ, जयंतिया पहाड़ियाँ और गारो पहाड़ियों से मिलकर हुआ है | मेघालय 21 जनवरी 1972 को बनाया गया राज्य है | यह लगभग 22430 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है | मेघालय की राजधानी शिलोंग है और राजभाषा अंग्रेजी है |
मेघालय की कला एवं संस्कृति :-
1.) बोली जाने वाली भाषा :-
भारत की संस्कृति विविधता में एकता लिए हुए है| भारत में अनेक संस्कृति के लोग निवास करते है भारत में मेघलाय एक राज्य है जिसकी संस्कृति भी मन को मोहने वाली है | मेघालय में अंग्रेजी भाषा एक अधिकारिक भाषा है | इसके अलावा यहाँ की प्रसिद्ध भाषाएँ है – खासी और गारो | गारो भाषा राज्य की अधिकांश जनसख्या द्वारा बोली जाने वाली भाषा है |
इसके अलावा मेघालय में और भी भाषाएँ बोली जाती है जैसे – पार, वार, जयन्तिया, मराम एवं लिंगगम, तीवा, बियाट आदि|
2. ) मेघालय की वेशभूषा :-
मेघालय की वेशभूषा में सादगी नजर आती है | मेघालय की महिलाओं के पारम्परिक वेषभूषा को जेनसेन कहते है | स्त्रियो द्वारा पहने जाने वाला कपड़ा बिना सिला हुआ होता है जो शरीर के चारों ओर लपेटा जाता है | स्त्रियो का पहनावा रेशम का होता है जो उनकी सुंदरता को बढ़ा देता है |
गारो जनजाति की महिलाएं ईकिंग पहनती है यह कमर के चारों ओर पहना जाने वाला छोटा कपड़ा होता है | गारो जनजाति की महिलायें ब्लाउज के साथ – साथ लुंगी भी पहनती है जिसे डाकमंडा के नाम से जानते है |
गारो जनजाति के पुरुष लंगोटी पहनते है | खासी जनजाति के पुरुष कमर के चारो ओर कपड़ा पहनते है इस कपड़े का महत्व बहुत है जिसे सिर पर पगड़ी के रूप में बांधा जाता है |
3. ) उत्सव एवं त्योहार :-
मेघालय में अनेक जनजाति के लोग निवास करते है | जिनके अपने – अपने त्योहार एवं उत्सव होते है जैसे :
खासी :-
खासी जनजाति के लोगों द्वारा प्रमुख रूप से नृत्य किया जाता है | नृत्यों का आयोजन श्नोंग (ग्राम), रेड्स(ग्राम समूह) और हिमा(रेड्स का समूह) में होता है, खासी जनजाति के प्रमुख उत्सव शाद सुक माइनसिएम, का-शाद काइनजो खास्केन, का बाम खाना श्नोंग, उमसान नोंग खराई और शाद बेह सियर प्रमुख है |
जयन्तिया:-
जयन्तिया पहाड़ी के लोगों के उत्सव भी उनकी जीवन और संस्कृति के अभिनं हिस्सा है, इसके प्रमुख उत्सव – बेहदियेनख्लाम, लाहोनृत्य एवं बुआई का त्योहार आदि प्रमुख है |
गारो:-
गारो जनजाति के लोग झूम कृउषि अवसरों के उत्सव मनाते हैं। इसके अलावा ये लोग डेन बिल्सिया, रोंगचू गाला, वङ्गाला, मङ्गोना, ग्रेण्डिक बा, माइ अमुआ, जा मेगापा, जमाङ्ग सिआ, अजेयोर अहोएया, सा सट रा चाका, चेम्बिल मेसारा, डोरे राटा नृउत्य, सराम चा’आ, ए से मेनिया या टाटा और डो’क्रुसुआ आदि उत्सव मनाते है |
बियाट:-
इस जनजाति के उत्सव है – पम्चार कूट, नल्डिंग कूट, फ़वाङ्ग कूट, लेबाङ्ग कूट आदि प्रमुख है | लेकिन यह जनजाति नल्डिंग कूट उत्सव ही मनाती है |
हैजोंग:-
ये जनजाति प्रमुख रूप से कृषि कार्य करती है, इसके उत्सव है – बिस्वे, पुस्ने, बास्तु पुजे, चोर मगा और काटी गासा आदि है |
मेघलाया के धार्मिक स्थल :-
- Jayanti Shaktipeeth Shri Nartiang Durga Temple, Meghalaya
- Mahadev Khola Dham (महादेव खोला धामपुर)
मेघालय के प्रमुख भोज्य व्यंजन:-
मेघालय भारत का अति सुन्दर राज्य है | जैसे मेघालय के पर्यटन स्थल पर्यटकों का मन मोहते है उसी प्रकार यह का स्वादिष्ट भोजन की भी एक अलग ही पहचान है, यहां के स्थानीय भोजन में प्रमुख है – नखम बिची, जादो, तुंग रिंबाई, बम्बू शूट्स, दोहे जेम, धोख्ले, मोमो, पुमालोई, हर्बड पोर्क, मिनिल सोंगा, राइस बीयर, दोहनीयनग, सेब, टंगटाप, मेलीम चिकन, मीसा मच पूरा, पुडोह, एग दाल, तुंगरीम्बाई जलेबी और मोमोज आदि है|
मेघालय घूमने जाने का सही समय :-
मेघलाय घूमने जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा रहता है| वैसे आप कभी भी जा सकते है |
मेघालय में कहा रुके :-
मेघलाय में रुकने के लिए अनेक होटल उपलब्ध है | आप अपने बजट के हिसाब से होटल की बुकिंग कर सकते है |
- Ri Kynjai – Serenity By The Lake
- Polo Orchid Resort Cherrapunjee
- Jiva Resort Cherrapunjee
- Cherrapunjee Holiday Resort
मेघालय कैसे पहुंचे :-
मेघलाय की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रैन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते है |
1. फ्लाइट से मेघालय कैसे जाये :-
मेघालय जाने के लिए आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया है तो मेघालय का अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है | आपको गुवाहाटी हवाई अड्डे के बाद स्थानीय साधनों से मेघालय पहुंच सकते है |
2. मेघलाय ट्रैन से कैसे पहुंचे :-
मेघलाय की यात्रा के लिए आप यदि रेलवे मार्ग का चुनाव किया है तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहटी रेलवे स्टेशन है, इसके बाद आप स्थानीय साधनों से मेघालय पहुंच जायेंगे |
3. बस से मेघालय कैसे जाये :-
मेघालय जाने के लिए आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो सबसे अच्छा है, इससे आप अपनी गाड़ी या बस से सीधे मेघालय पहुंच सकते है क्युकी मेघालय सड़क से अच्छा खासा जुड़ा है |
मेघालय के पर्यटन स्थल :-
मेघलाय के अनेक दर्शनीय स्थल है जैसे :-
चेरापूंजी:-
भारत के मेघालय राज्य के पूर्व खासी हिल्स जिले में स्थित एक बस्ती है यह शिलांग से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुनिया का महशूर स्थान है | हाल ही में इसका नाम चेरापूंजी से बदल कर सोहरा कर दिया गया है | यह की हवा और प्रकृतिक सुंदरता अलग ही अनुभव कराती है |
मौसिनराम:-
यह भारत के मेघालय राज्य की पूर्व खासी हिल्स जिले में स्थित है | यह शिलांग से लगभग 60.9 किलोमीटर दूर स्थित है | यह वार्षिक वर्षा 11872 मिलीमीटर होती है |
तुरा शहर:-
यह भारत के मेघालय राज्य के पश्चिम गारो हिल्स जिले का पर्वतीय शहर है | तुरा शहर गुवहाटी से 220 किलोमीटर दूर स्थित है, और पश्चिम गारो हिल्स जिले का मुख्यालय भी है | यहाँ की प्रमुख भाषाए गारो, हैजोंग और अंग्रेज़ी हैं। तुरा में बहुत से जलप्रपात है जैसे – पेलगाडरे, गंडरक फ़ॉल्स और रोंगबांगडरे आदि है | यहाँ गनोल रंगोलवरी, दाचिमा और नोकमावरी कई जलधाराएँ भी है |
नोंगपोह:-
यह भारत के उत्तरपूर्वी मेघालय राज्य का एक शहर है, जो री भोई जिले का मुख्यालय भी है। यह 485 मीटर (1591 फीट) ऊंचाई पर स्थित है | यहाँ की अधिकारिक भाषा अंग्रेजी है | यहाँ की जलवायु उष्ण कटिबंधी प्रकार की है |
मेघालय की रहस्मयी मावसई गुफा :-
मेघालय के पर्यटन स्थलों में एक है मावसई गुफा, इसकी लम्बाई 150 किलोमीटर है, मावसई गुफा चेरापूंजी से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है |
जोवाई शहर:-
यह मेघालय प्रांत का एक शहर है, और इसका प्रशासनिक मुख्यालय पश्चिम जयन्तिया हिल्स जिले है | यहाँ भोई और वार जनजाति निवास करती है | यहाँ का घनत्व 77 वर्ग किलोमीटर (200 वर्ग मील ) है | यहाँ की अधिकारिक भाषा जयंतिया अंग्रेजी है |
बाघमारा (Baghmara):-
यह मेघालय प्रांत के दक्षिण गारो हिल्स ज़िले में स्थित एक शहर है। यहाँ की प्रचलित भाषा गारो अतोंग और अंग्रेजी है|
विलियमनगर (Williamnagar):-
इसे पहले सिमसांग्रे (Simsanggre) के नाम से जाना जाता था | यह मेघालय राज्य के पूर्व गारो हिल्स जिले में स्थित एक शहर है | यहां की प्रचलित भाषा गारो है |
नोहकलिकाइ जलप्रताप :-
यह भारत के सबसे ऊंचे जल प्रतापों में से एक है | यह मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल्स में चेरापूंजी के समीप स्थित एक जल प्रपात है | इसकी ऊंचाई 1155 फ़ीट (340 मीटर ) है, इस प्रपात की चौड़ाई 75 फ़ीट (23 मीटर) है |
उमियम झील:-
यह मेघालय राज्य की राजधानी शिलांग से उत्तर दिशा में लगभग 24 किलोमीटर दूर पहाड़ियों में स्थित झील है | इसे आमतौर पर बारापानी झील के नाम से जाना जाता है | यह लगभग 220 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है |
डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज:-
यह ब्रिज लगभग 1.5 मीटर छोड़ा और 50 मीटर लंबा है इस ब्रिज के नीचे उमसियांग नदी बहती है, यह ब्रिज लगभग 200 वर्ष से भी अधिक पुराना है |
डॉन बॉस्को संग्रहालय:-
यह शिलांग के मवलाई फुदमुरी में स्थित है। यह संग्रालय बुद्धिमत्ता फैलाने और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है | यहाँ आर्ट गैलरी दुर्लभ चित्रों, असामान्य कलाकृति और स्वदेशी वस्तुओ के संग्रह को दर्शाता है |
सिजू गुफा :-
इसे अंग्रेजी में बैट गुफा के रूप में जाना जाता है, यह मेघालय में नापक झील और सिमसांग नदी के पास स्थित चुना पत्थर की गुफा है | यह 4 किलोमीटर से अधिक लंबी है |
वाह काबा जलप्रताप :-
वाह काबा जलप्रताप भारत के उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय में चेरापूंजी के पास स्थित एक जलप्रताप है | यह खड़ी चट्टान से गिरता है, और लगभग 170 – 190 मीटर से गिरता है | यहाँ की स्थानीय मान्यता है कि दो परियां इस फॉल्स में रहती है |
मेघालय का कैलांग रॉक:-
यह लाल ग्रेनाइट से बनी एक विशालकाय चट्टान है | यह पश्चिम खासी हिल्स में रखी एक गुम्बद सयान सरंचना है | इस चट्टान की चौड़ाई 1500 फ़ीट है | कैलांग रॉक की ऊंचाई समुद्र तल से 5400 फ़ीट है |
रेनबो फॉल्स:-
यह भारत के मेघालय राज्य के चेरापूंजी में स्थित एक खूबसूरत शांत जलप्रपात है, यह चेरापूंजी से 18 किलोमीटर दूर नोगरियत गाँव के पास स्थित है | सूर्य की किरणों से इस झरने के पास एक इन्द्रधनुष बन जाता है यह मेघालय के साहसिक और छिपे हुए झरनों में से एक है |
मेघालय के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मेघालय का नाम किसने दिया ?
मेघालय का नाम डॉ. एस पी चटर्जी ने दिया |
2. मेघालय के लोकनृत्य कौनसे है ?
मेघालय के प्रसिद्ध नृत्य लाहो, ड़ेरोगेटा, नॉन्गरेम और शाद सुक मिनसेइम है |
3. मेघालय की प्रमुख फसल कौनसी है ?
मेघालय की प्रमुख फसल – केला, संतरा, कटहल, आडू, नाशपाती, आलूबुखारा है |
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